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युवा खिलाडियों को सयंम बरतना चाहिए ताकि देश का नाम ऊँचा हो  

हाल ही में आस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम की हालत किसी से छुपी नहीं है ! लेकिन ऐसे में भारतीय युवा क्रिक्केटर पहले विराट कोहली तथा उसके बाद इशांत शर्मा द्वारा दर्शकों के समक्ष ऊँगली से किये अभद्र इशारें शोभा नहीं देते! माना दर्शकों ने उन्हें उकसाया भी हो तो उसका जवाब उत्तेजना भरा नहीं होना चाहिएवैसे भी क्रिकेट को सभ्य आदमी वाली खेल माना जाता है!इसलिए इसे सभ्य तरीके से ही खेलना चाहिए! साथ ही इन  युवा भारतीय खिलाडियों  को अपना ध्यान खेल में बढियां  प्रदर्शन पर लगाना  चाहिये नाकि इन विवादों में उलझना चाहिए ! इससे व्यक्तिगत  छवि ख़राब होने के साथ ही साथ पूरे देश की बदनामी होती है ! और एक उम्दा खिलाडी का भी करियर बर्बाद हो सकता हैउन्हें ऐसे विवादों में दिलचस्पी नहीं लेनी चाहिए ! हालाँकि पूर्व क्रिक्केटर आकाश चोपड़ा ने भी इन खिलाडियों की तरफदारी की है जो कि इन युवा खिलाडियों को ऐसी हरकत करने के लिए प्रेरित  करती है और हमारी परम्परा के खिलाफ है!   हमारे युवा खिलाडियों को कपिल देवसुनील गावस्करसचिन तेंदुलकरराहुल द्रविड़मेजर ध्यान चंदविश्वनाथ आनंद,प्रकाश पादुकोणविजय अमृतराजलियांदर पेसमिल्खा सिंहपी टी उषा जैसे महान खिलाडियों से प्रेरणा लेनी चाहिए!  इन खिलाडियों ने भी अनेकों बार  दर्शकों द्वारा दुर्वयवहार  को झेला है लेकिन अपना सयंम बरतते हुएइन हरकतों पर अधिक तव्वज्जो ही नहीं दी केवल अपने खेल को ही  प्राथमिकता दी!  इसीलिये  इन भारतीय खिलाडियों का नाम विश्व के महानतम खिलाडियों में लिया जाता है !  इससे भारत देश का नाम गर्व से ऊँचा होता है जो हर भारतीय का लक्ष्य होना चाहिए !



प्रस्तुति एस एस डोगरा